तर्ज, झुमका गिरा रे
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
चिट्ठी आई लिखकर पूछा बाबा ने है हाल मेरा। इतनी दूरी पर बैठा है रखता है पर ख्याल मेरा।इतनी दूरी पर बैठा है रखता है पर ख्याल मेरा।रखता है पर ख्याल मेरा। इस मन को भाई है।
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
समय मिले तो खाटू आकर अपना हाल सुनाना। आशीर्वाद में तुमको दे दूं जाकर मौज उड़ाना, जाकर मौज उड़ाना। तेरी करूं भलाई है तुझे मतलब क्या संसार से।
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
जितने कष्ट तेरे हैं बेटा सारे कष्ट मिटाऊं। जब जब याद करे तुम मुझको दौड़ दौड़ कर आऊं।दौड़ दौड़ कर आऊं। मेरे मन में आई है कुछ हल्का कर दूं भार मे।
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
वही भगत लगे मुझे प्यारे जो मेरा सम्मान करें। सब कुछ छोड़ मेरे ऊपर मेरा ही वह ध्यान करें।मेरा ही वह ध्यान करें। बिना झोली भराए रे कोई गया नहीं दरबार से।
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
चिट्ठी पढ़कर भगत के मन हुआ आनंद भारी। अब तो बाबा तेरी शरण में बीते जिंदगी सारी, बीते जिंदगी सारी। एक अर्जी लगाई है उस खाटू के सरकार से।
मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।
मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी,मेरी चिट्ठी आई है उस खाटू के दरबार से, मेरी चिट्ठी आई है।