मेरा श्याम साकी बन के आखों से मैं पिलाए।और मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए।
मीरा ने पीली मस्ती।अपनी मिटा दी हस्ती।मीरा ने पीली मस्ती।अपनी मिटा दी हस्ती। दीवानी बन गई वह और बावरी कहाए।
मेरा श्याम साकी बन के आखों से मैं पिलाए।और मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए।
नंदे को पिलाकर के सुध बुध उसे भुलाई।नंदे को पिलाकर के सुध बुध उसे भुलाई।फिर आप नंदा बन के मोहन चरण दबाए।
मेरा श्याम साकी बन के आखों से मैं पिलाए।और मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए।
हे दीनबंधु तुम्हारी यह दया नहीं तो क्या है।हे दीनबंधु तुम्हारी यह दया नहीं तो क्या है। ठुकराए जिसको दुनिया उसे गले तुम लगाए।
मेरा श्याम साकी बन के आखों से मैं पिलाए।और मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए।
मेरा श्याम साकी बन के आखों से मैं पिलाए।और मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए।