तर्ज, ना झटको जुल्फ से पानी
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।
यह उत्सव भोले बाबा का यह उत्सव गोरा मैया का। लगी है भीड़ भक्तों की ना जाने किस का उत्सव है।
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।
कौन बेलपत्र लाया है कौन फूलों की माला है। कौन लाया है गंगाजल ना जाने किस का उत्सव है।
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।
भक्त लाए है बेलपत्र, और सखियां लाइ फूल माला। कावड़िए लाए गंगाजल न जाने किस का उत्सव है।
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।
किस लिए बेलपत्र है किस लिए फूलों की माला। किस लिए लाए गंगाजल ना जाने किस का उत्सव है।
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।
हमारे शिव को बेलपत्तर और गोरा को फूल माला। जटा में मिल जाय गंगाजल, न जाने किस का उत्सव है।
मची है धूम काशी में ना जाने किस का उत्सव है।