Categories
krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Kripa ki na hoti jo aadat tumhari,कृपा की ना होती जो,आदत तुम्हारी,krishna bhajan

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।।


जो दिनों के दिल में,
जगह तुम न पाते,
तो किस दिल में होती,
हिफाजत तुम्हारी।
कृपा की ना होती जों,
आदत तुम्हारी।।


ना मुल्जिम ही होते,
ना तुम होते हाकिम,
ना घर घर में होती,
इबादत तुम्हारी।
कृपा की ना होती जों,
आदत तुम्हारी।।

ग़रीबों की दुनिया है,
आबाद तुमसे,
ग़रीबों से है,
बादशाहत तुम्हारी।
कृपा की ना होती जों,
आदत तुम्हारी।।

तुम्हारी उल्फ़त के,
द्रग ‘बिन्दु’ हैं ये,
तुम्हें सौंपते है,
अमानत तुम्हारी।
कृपा की ना होती जों,
आदत तुम्हारी।।

कृपा की ना होती जो,
आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी।।

Leave a comment