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श्याम भजन लिरिक्स

Dar dar bhatka hu me kitna tanha hu me kaha ho sawariya,दर दर भटका हूँ मैं,कितना तनहा हूँ मैं,कहाँ हो सांवरिया,Shyam bhajan

दर दर भटका हूँ मैं,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,

दर दर भटका हूँ मैं,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,
अनजानी राहो में,
दुःख दर्द की बाहों में,
कहाँ हो सांवरिया।।

जब से रूठे हो तुम,
तक़दीर ही रूठ गई,
ऐसा लगता मुझको,
हस्ती ही टूट गई,
सब कुछ खोया हूँ मैं,
कितना रोया हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,
दर दर भटका हूं मै,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया।।

मुझ जैसे पापी को,
तुमने अपनाया था,
तेरी किरपा बाबा,
मैं समझ न पाया था,
बेहाल हुआ हूँ मैं,
तेरे द्वार खड़ा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,
दर दर भटका हूं मै,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया।।

दुनियां में ना कोई मेरा,
एक आसरा बस तेरा,
अब आओ ना बाबा,
क्यों मुख को है फेरा,
दुःख का मारा हूँ,
मैं खुद से हारा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,
दर दर भटका हूं मै,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया।।

दर दर भटका हूँ मैं,
कितना तनहा हूँ मैं,
कहाँ हो सांवरिया,
अनजानी राहो में,
दुःख दर्द की बाहों में,
कहाँ हो सांवरिया।।

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