तर्ज,सावन का महीना
शिव गौरां के मिलन का उत्सव, मिलकर सब मना लो,
सावन के महीने में, भोले के दर्शन पा लो।
देवों के हैं देव ये तो, भोले हैं भंडारी,
गौरां जी के संग में, विराजें त्रिपुरारी ।
शरण में आ के इनकी, चरणों में ध्यान लगा लो।
सावन के महीने में,भोले के दर्शन पा लो।
शिव गौरां के मिलन का उत्सव, मिलकर सब मना लो,
सावन के महीने में, भोले के दर्शन पा लो।
भक्ति की ज्योती अपने मन में जलायो,
जय हो भोलेनाथ जय हो महादेव गायो ।
होंगी मुरादें पूरी, तुम हमसे ये लिखवा लो।
सावन के महीने में,भोले के दर्शन पा लो।
शिव गौरां के मिलन का उत्सव, मिलकर सब मना लो,
सावन के महीने में, भोले के दर्शन पा लो।
भक्तों के मन में क्या है, सब जानते हैं,
बोले बिना ही प्रभू, पहचानते हैं ।
डग मग नैया डोले तो,शम्भु को मीत बना लो।
सावन के महीने में,भोले के दर्शन पा लो।
शिव गौरां के मिलन का उत्सव, मिलकर सब मना लो,
सावन के महीने में, भोले के दर्शन पा लो।
बिना शिव की मर्जी के, फूल खिले ना,
इनके इशारे बिना, पत्ता भी हिले ना ।भक्तों शिव शंकर को मन में तुम बसा लो।
तीनों लोकों के स्वामी को मन में तुम बसा लो।
सावन के महीने में,भोले के दर्शन पा लो।
शिव गौरां के मिलन का उत्सव, मिलकर सब मना लो,
सावन के महीने में, भोले के दर्शन पा लो।