हर्या ए झंवारा ,गीवाला सा प्यारा ,तो सिर स उंचा होय ,रया जी
यो कुण बाया,यो कुण सींचा ,तो यो कुण क्यारी रो गाहकी जी।
इशरदास बाया ,बहु गोरल सींच्या तो सूरजमल जी क्यारी को गाहक जी।
क्यारी फूटी ,धोरा छुट्या ,तो फिट नाचण का जाया जी।
खाबा की बरियां ,कुंडो मांड्यो तो काम की बरियाँ सोया रया जी।
खाबा न खाजा,पीवो न पानी ,तो खागया खाट की राबड़ी जी।
हर्या ए झंवारा ,गीवाला सा प्यारा तो सिर स उंचा होय ,रया जी
यो कुण बाया,यो कुण सींचा ,तो यो कुण क्यारी रो गाहकी जी।
इशरदास बाया ,बहु (बहुओं के नाम) सींच्या तो(जंवाई के नाम)जी क्यारी को गाहक जी।
क्यारी फूटी ,धोरा छुट्या ,तो फिट नाचण का जाया जी।