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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Satguru avigat bhed bataya tar na tute,सतगुरु अविगत भेद बताया, तार न टूटे मेरी कबुहन छूटे,guru bhajan

सतगुरु अविगत भेद बताया, तार न टूटे मेरी कबुहन छूटे,

सतगुरु अविगत भेद बताया, तार न टूटे मेरी कबुहन छूटे, मेहर करी जब पाया, धिनगुरु अविगत भेद बताया।।

तन मन तार लगी बिच वीणा, आला पिंगला ने ध्याया, पाँचो उलट मिली आत्म से, प्रेम प्याला पाया, धिनगुरु अविगत भेद बताया ।।

सुरता नारी सन्मुख प्यारी, ज्ञान घटा झुक आया, परसत पीव प्रेम शुध्द बाची, अनहद राग सुनाया,धिनगुरु अविगत भेद बताया।।

अनुभव वाणी राग अगम कियाणी, आदि अनादि पाया, पूर्ण भाग मिल्यो अविनाशी, कर्म भरम ना कोई काया, धिनगुरु अविगत भेद बताया ।।

जिया राम मिल्या गुरु पूरा, जम जालम समझाया, कह बन्नानाथ सुणो भाई साधो, अमर पट्टा ले आया, धिनगुरु अविगत भेद बताया।।

धिनगुरु अविगत भेद बताया, तार न टूटे मेरी कबुहन छूटे, मेहर करी जब पाया, धिनगुरु अविगत भेद बताया ।।

सतगुरु अविगत भेद बताया, तार न टूटे मेरी कबुहन छूटे, मेहर करी जब पाया, धिनगुरु अविगत भेद बताया।।

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