पाया है अब पाया है म्हाने सद्गुरु भेद बताया है।
माटी चाक को नाल खिरावे बर्तन नाना भात बणावे।
किसम किसम का रंग चढ़ावे सब में रंग समाया है।
पाया है अब पाया है म्हाने सद्गुरु भेद बताया है।
सोना जैवर घड़े सोनारा, भाँत भाँत ऐक न्यारा न्यारा।
जब में बेचण गये बजारा, ऐक भाव सब आया है।
पाया है अब पाया है म्हाने सद्गुरु भेद बताया है।
चतुर जुलाहा तणीया ताणा, वस्तर गुणिया बहुत सुहाण।
ऐक ही ताना ऐक ही बाना अरे सूत में सूत मिलाया है।
पाया है अब पाया है म्हाने सद्गुरु भेद बताया ह।
सुर नर मुनि जन जिव जहाना, ऊंच नीच सब भेद मिटाना।
ब्रह्मानंद सब रूप समाना नूर में नूर समाया है।
पाया है अब पाया है म्हाने सद्गुरु भेद बताया है।