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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Gurasa sharan aapri aaya,गुरासा शरण आपरी आया,guru bhajan

गुरासा शरण आपरी आया .

संत समागम हरि कथा , तुलसी दुर्लभ दोई।
सूतधारा और लक्मी , पापी के भी होई।

गुरासा शरण आपरी आया .
शरणों में आया बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया।
गुरासा शरण आपरी आया।

ओ मन मारो काग स्वरूपी ,
अवगुण बहुत भराया ।
सतगुरु स्वामी हंस बणाया ,
मेहरा मे मोती पाया।।


गुरासा शरण आपरी आया।
शरणे आया,बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया।
गुरासा शरण आपरी आया।

सूरता मारी थी नखराली ,
फिर फिर गोता खाया ।
सतगुरु बॉण शब्द रा वाया ,
नुरता निशान घुराया ।।


गुरासा शरण आपरी आया।
शरणे आया,बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया।
गुरासा शरण आपरी आया।

अब मारी सुरता लागी राम से ,
तारो तार मिलाया।
आठों पौर अमिरस बरसे ,
पीवत प्यास बुझाया।


गुरासा शरण आपरी आया।
शरणे आया,बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया।
गुरासा शरण आपरी आया।

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