आज म्हारो भाग जागो ,
भलो उगो भांण रे ।
संत आया पावणा ,
म्हारा चूकिया जम डाण रे ।।
आज म्हारो
संत आया आनंद छाया ,
आंगणिये घमसान रे ।
ज्ञान गोला छूटण लाग्या ,
टूटी कुल री काण रे ॥
आज म्हारो भाग जागो ,
भलो उगो भांण रे ।
संत आया पावणा ,
म्हारा चूकिया जम डाण रे ।।
आज म्हारो
शब्द सुणिया भला बणिया ,
आ गयो आपाण रे ।
कर्म भरम विकार भागा ,
तीर मारया ताण रे ॥
आज म्हारो भाग जागो ,
भलो उगो भांण रे ।
संत आया पावणा ,
म्हारा चूकिया जम डाण रे ।।
आज म्हारो
अधर मेड़ी उलट पेड़ी ,
ज्यारी पड़ गई जाण रे ।
झिलमिल दीदार दरस्या ,
काई करूँ बखाण रे ।
आज म्हारो भाग जागो ,
भलो उगो भांण रे ।
संत आया पावणा ,
म्हारा चूकिया जम डाण रे ।।
आज म्हारो
कहां आना कहां जाना ,
मिट गयी खेंचाताण रे।
गुरु शरणे सिमरथ बोले ,
बैठो मौजा भांण रे ॥
आज म्हारो भाग जागो ,
भलो उगो भांण रे ।
संत आया पावणा ,
म्हारा चूकिया जम डाण रे ।।
आज म्हारो