लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।
तुम द्रोणागिरी पे जयियों, और लौट शाम तक आ जइयों।
और उदय न होने पाए, हो पाय भान,
हनुमान संजीवन ले आयियों।
लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।
हम अवधपुरी को न जावे, और काऊ ए मुख न दिखावे।
ये मन में ठानी बात हो बात,
हनुमान संजीवन ले आयियों।
लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।
हनुमान न देर लगाई है, चल दिए समीर रघुराई है।
द्रोणागिरी पहुंचे जाय हो जाय,
हनुमान संजीवन ले आयियों।
लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।
जब बूटी ढूंढ़ न पाई है, तब पर्वत लियो उठाई है।
रामादल पहुंचे जाय हो जाय,
हनुमान संजीवन ले आयियों।
लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।
लक्ष्मण को जियत निहारे हैं, सेना में भए जयकारे है।
जय राम लखन हनुमान,
हनुमान संजीवन ले आए।
लक्ष्मण के लागो वाण, ओ वाण, हनुमान संजीवन ले आयियों।