अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी
ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी…
गोकुल में रहता है, चीर चुराता है, माखन चुराता है,चोरों का है सरदार मेरा कृष्ण कनहिया।
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी,ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया।
जमुना पे जाता है, गेंद खेलता है, नाग नथता है।
नाग नथैया मुरार है मेरा कृष्ण कन्हैया।
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी,ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया।
मधुवन को जाता है, बंसी बजाता है, रास रचात है।
राधा से करता है प्यार मेरा कृष्ण कानहिया।
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी,ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया।
मथुरा को जाता है, हाथी से लड़ता है, कंस पछाड़ा है।
दुष्टों का करता संहार मेरा कृष्ण कनाहीया।
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी,ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया।
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी
ग्वालों का है सरदार मेरा कृष्ण कनाहिया
अब ना छिपाऊंगी सबको बताऊंगी…