म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
बाबा का हेलो आयो रे म्हानै खाटू धाम बुलायो रे,
जा मेला मांही धूम मचास्यां बाजण दयो धुन नागण की,ल्यो आ गई रे रूत फागण की ।
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
हिल मिल के खाटू चालां जी खाटू मै घूमर घालां जी,
ढफ ढोल मंजीरा चंग बाजे म्हारै मन मै आ री नाचण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
मन मचल रहयो जी होली मै रंग भर ल्यो रे भग्तो झोली मै
” नरसी ” नै सागै ले चालां उ कै लटक लाग री गावण की
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,