सदा शिव सदा हम शरण में तुम्हारी।विनती चित्त धरो,कृपा हम पे करो,शंभू कल्याणकारी।सदा शिव सदा हम शरण में तुम्हारी।
गंगा सोहे जटाओं में।जो जनकारक घटाओं में।माथे अर्ध चंद्र विराजे।शोभा गंगेश्वर नमस्ते, चंद्रेश्वर नमस्ते,माथे अर्धचंद्र विराजे, शोभा देख वर मत नाचे
खुली पल के आधी, पूर्ण ध्यान समाधी
ऐसी साधना है न्यारी।
सदा शिव सदा हम शरण है तुम्हारी।
ॐ नमः शिवाय….. नमः शिवाय.. नमः शिवाय… नमः शिवाय…
सर्प गले का हार किये, भस्म से सब श्रृंगार किये
नागेश्वर नमस्ते, भष्मेश्वर नमस्ते,
जय परमेश्वर जय परमेस्वर, जय महाकाल ओंकारेश्वर,
जो जींद तुम्हारी, देते हैं उजियारे
शम्भु हिमालय पवारी,
सदा शिव सदा हम शरण है तुम्हारी।
ॐ नमः शिवाय….. नमः शिवाय.. नमः शिवाय… नमः शिवाय…
हमने तो केवल स्मरण किया, मांगे बिना तुमने सब कुछ दिया,
नागेश्वर नमस्ते, नारीश्वर नमस्ते,
हम जो कलश भर जल देते, तुम तो मोक्ष भी भर देते
भक्तों के लिए भोले, दोस्तों के लिए भाले
खुद बने भोले भंडारी…..
सदा शिव सदा हम शरण है तुम्हारी।
ॐ नमः शिवाय….. नमः शिवाय.. नमः शिवाय… नमः शिवाय…
दृष्टि हो अनुपम तेजोमयी मन हो तुमसा पारजई
नागेश्वर नमस्ते, बालेश्वर नमस्ते
भगवन भवानी संग आओ, आकर ह्रदय में बस जाओ
शिव में सबको देखें, सबको शिव में देखें
ऐसी मति हो हमारी……
सदा शिव सदा हम शरण है तुम्हारी।
ॐ नमः शिवाय… ॐ नमः शिवाय….. ॐ नमः शिवाय…. ॐ नमः शिवाय