तर्ज- कान में झुमका चाल में।
राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला,
चिर के सीना दरश कराए, माँ अंजनी का लाला, बाला राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना, राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना ।।
अंग सिंदूर विराजे है, राम मगन हो नाचे है। राम के सिवा तो इसे, कुछ भी ना भाए रे।🌺🌺🌺 महिमा राम की गाते है, छम छम नाच दिखाते है।महिमा राम की गाते है, छम छम नाच दिखाते है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राम के बिना ये ,तोड़ बिखराए रे।राम को दिल में बसा के, मुस्काके गुण गा के, देखो राम को रिझाए, हनुमान सा दूजा ना है।
रघुवर का रखवाला। चिर के सीना दरश कराए, माँ अंजनी का लाला।राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना, राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना ।।
रघुनन्दन का प्यारा है,सीता का दुलारा है,
राम जी का मेरा बाबा,साथ निभाए है,
राम की सेवा करता है,राम की पूजा करता है।राम के द्वारे बैठा,चुटकी बजाए रे, राम का ये है दीवाना, मस्ताना हनुमाना देखो।
राम धुन गाए,जब जब राम पे विपदा आई, इसने संकट टाला,चिर के सीना दरश कराए। माँ अंजनी का लाला, राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना, राम का दीवाना,
सियाराम का दीवाना ।।
राम भजन जहाँ होता है, वहां पे हाजिर रहता है, राम के भजन में ये,
सुध बिसराए रे, जिस घर राम बसेरा है, हनुमत का वहां पहरा है,
‘हर्ष’ कभी ना वहां, विपदा सताए रे।राम का नाम सुहाए, मन भाए दिल लुभाए।🌺🌺🌺देखो हरि गुण गाए, आँख मीच कर ध्यान लगाए, फेरे राम की माला ।
चिर के सीना दरश कराए, माँ अंजनी का लाला, राम का दीवाना, सियाराम का दीवाना,
राम का दीवाना,