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श्याम भजन लिरिक्स

Mhe bhi aawanga mhane bulalyo the sarkar,म्हें भी आवाँगा,म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,shyam bhajan

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार

तर्ज, किस्मत वालों को

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।

फागण में जो नहीं बुलावोगा,
बोलो कइयां मेल बढ़ावोगा,
साथीड़ा की जमघट माचेगी,
म्हारां के आंसू ढलकावोगा,
इतनों भी गैर करो ना, म्हाने सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।


श्याम बगीची आलू सिंह की शान,
श्याम कुंड के अमृत जल को पान,
म्हारा चारूं धाम, है खाटू धाम,
म्हाने बुलाता रहीज्यो बाबा श्याम,
सपने में आवे म्हारे, थारो दरबार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।


कोई थारी ध्वजा उठावगो,
कोई मेहंदी हाथ रचावगो,
कोई टिकट कटावे खाटू की,
कोई पैदल चल कर आवेगो,
सुन सुन कर बातां सबकी,
म्हें हाँ लाचार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।


मेला की म्हें कर लेवा त्यारी,
छोड़ के सारी म्हें दुनिया दारी,
फागण की लूटां म्हे भी मस्ती,
लूट रही जीने या दुनिया सारी,
थारे इशारे की है, म्हाने दरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।

म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार।


पहल्या तो थे प्रेम बढ़ायो थो,
जीवन में म्हारे रस बरसायो थो,
प्रेम समंदर बहुत ही गहरो थो,
अंश बेचारो, तैर ना पायो थो,
डूबन के ताई छोड्या, के थे सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,


म्हें भी आवाँगा,
म्हाने बुलाल्यो थे सरकार,
मनड़ो ना लागे म्हारों,
सुण ल्यो सरकार,
म्हें भी आवाँगा,
म्हानें बुलाल्यो थे सरकार।

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