मैंने अर्जी लिखदी बाबा तेरे दरबार में
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
इस अर्जी में लिखा है तुम ध्यान से पड़ ले।
कुछ छुट ना जाये प्रभु मेरा मान तुम रख ले।
क्यों करते बाबा देरी क्या सोच विचार मे,
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
मैंने अर्जी लिखदी बाबा तेरे दरबार में
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
मेरे रस्ते में सांवरिया,कांटे ही कांटे पड़े,
जब ये चुबते है पैरो में तो मेरे आंसू निकल पड़े।
मेरे मुँह से आहा निकलती क्या कमी है प्यार में।
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
मैंने अर्जी लिखदी बाबा तेरे दरबार में
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
मुझको तो सब कहते है तू श्याम दीवाना है ,
तू तो कहता है सबसे खाटू में ठिकाना है।
खुद बात बनादो पहले सरकार से,
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।
मैंने अर्जी लिखदी बाबा तेरे दरबार में
अब मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।