करमा बाई अरज गुजारे,
बेटी जाट री अरज गुजारे,
आके भोग लगा ले रे ,
खीचड़ो खाले साँवरा, खीचड़ो खाले रे ,
करमा बाई अरज गुजारे,
बेटी जाट री अरज गुजारे,
बाबो गयो है दूजे गांव,
मन्ने कोई पता नहीं आवण को,
सौंप के मैने काम गयो सांवरियां,
तन्ने जिमावण को,
तड़के सो हम दोनों भूखे,
कुण सो बैर निकाले रे,
खीचड़ो खाले साँवरा, खीचड़ो खाले रे ,
करमा बाई अरज गुजारे,
बेटी जाट री अरज गुजारे,
बाजरे को माँ रांध्यो खीचड़ो,
सागे कढ़ी बनाई है ,
तने कठिहिये घी कम लगे
और घला ले भाई रे,
कर कर के मैं मिन्नत हारी,
दोन्यू हाथ जुड़ा ले रे,
खीचड़ो खाले साँवरा, खीचड़ो खाले रे ,
करमा बाई अरज गुजारे,
बेटी जाट री अरज गुजारे,
खीचड़ो खाले साँवरा, खीचड़ो खाले रे ,
खीचड़ो खाले साँवरा, खीचड़ो खाले रे ,