कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।
उनकी जटा में गंगा बिराजे, वह बहाते चले आ रहे हैं। उनके माथे पर चंदा विराजे, चमकाते चले आ रहे हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।
उनके कानों में बिच्छू बिराजे, वह लटकाते चले आ रहे हैं। उनके गले में नाग बिराजे, वह लहराते चले आ रहे हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।
उनके हाथों में डमरू विराजे, वह बजाते चले आ रहे हैं। उनके अंगों में बाघअंबर छाला, वह पहन कर चले आ रहे हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।
उनके पैरों में घुंघरू बिराजे, वह बजाते चले आ रहे हैं। उनके संग में गोरा मैया सोहे, जोड़ी बनाकर चले आ रहे हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।
उनके चरणों में नंदी बिराजे, वह घुमाते चले आ रहे हैं। कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कितनी सुंदर है मां तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं।