सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,मेरी मैया जी आई है।
पखारो इनके चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा।बिछा दो अपनी पलको को,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।
आज मेरी मैया आई है, मेरे गरीब खाने में।
आया दिल को सकून देखो,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
उमड़ आई मेरी आंखे, देख कर अपनी मैया को।हुई रोशन मेरी गलियां,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।
तुम आकर भी नहीं जाना, मेरी इस सुनी दुनिया से।कहु हर दम यही सबसे,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।
सजा दो घर को गुलशन सा,मेरी मैया जी आई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,मेरी मैया जी आई है।