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Prabal prem ke pale padkar, प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम

प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम बदलते देखा।

प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम बदलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

जिसकी केवल कृपा दृष्टि से,सकल विश्व को पलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹उसको गोकुल में माखन पर,सो सो बार मचलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

जिसके चरण कमल कमला के, करतल से ना निकलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹उसको व्रज की कुंज गलिन में,कंटक पथ पर चलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

जिसका ध्यान विरंची शंभू, सनकादिक से न संभलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹उसको ग्वाल सखा मंडल में,लेकर गेंद उछलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

जिसकी वक्र भृकुटी के दर से,सागर सप्त उछलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹उसको मां यशोदा के भय से, अश्व बिंदु दृग ढलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम बदलते देखा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान ना टलते देखा।प्रबल..

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