नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। हाथी दिन्हे घोड़ा दिनहे और दिन्ही पालकी। जय यशोदा लाल की जय हो गोपाल की।।1
कंठा दीन्हा कड़ला दीन्हा, दिन्हीं मुक्ता मालकी। कड़े दिए छड़े दिए, गौ ब्याही हाल की। जय यशोदा लाल की जय हो गोपाल की।।2
जवानों को हाथी घोड़ा, बुडन को पालकी। बालकों को माखन दीन्हा,टोपी दिन्हि जाल की। जय यशोदा लाल की जय हो गोपाल की।।3
सखियों को चुनरी दिन्ही, लंपी गोटा माल की। सुरमा दीन्हा सिंदूर दीन्हा, दिन्ही बिंदी भाल की। जय यशोदा लाल की जय हो गोपाल की।।4
जवानों को लड्डू पेड़ा, बूढ़न को लापसी। मेवा मिसरी लूट रही, भर भर थाल की। जय यशोदा लाल की, जय हो गोपाल की।।5