श्याम थारी औल्यु आवे जी। म्हाने रात दिनां ना चैन पड़े,थारी याद सतावे जी।श्याम थारी औल्यु आवे जी।
रंग बसंती फीको लागे,केशर की क्यारी,श्याम बिन केशर की क्यारी। मोर पपीहा की बोली भी२ लागे ज्यों खारी। बाबाजी म्हाने कुछ ना भावे जी। २। 🌺🌺 म्हाने रात दिनां ना चैन पड़े,थारी याद सतावे जी।श्याम थारी औल्यु आवे जी।
आओ रंग गुलाल हाथ में लेकर पिचकारी। श्याम जी लेकर पिचकारी। भक्तों साग खेलो सांवरा,होली मतवारी। बीत फागुन ना जावे जी।🌺🌺🌺🌺🌺 म्हाने रात दिनां ना चैन पड़े,थारी याद सतावे जी।श्याम थारी औल्यु आवे जी।
बेगा आओ कृष्ण कन्हाई, राह तकूं थारी। श्याम में तो राह तकूं थारी। थारे बिन धीर धरे ना जीवडो,मोहन गिरधारी।धीर अब कुन बंधवाए जी।🌺🌺 म्हाने रात दिनां ना चैन पड़े,थारी याद सतावे जी।श्याम थारी औल्यु आवे जी।
श्याम थारी औल्यु आवे जी। म्हाने रात दिनां ना चैन पड़े,थारी याद सतावे जी।श्याम थारी औल्यु आवे जी।