तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
अद्भुत खेल सखन संग खेलो।🎈🎈🎈🎈 छोटो सो माटी को ढेलो।🎈🎈🎈🎈🎈 तुरत श्याम ने मुख में मेलो ।🎈🎈🎈🎈 याने गटक गटक गटकाई ।यशोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
दूध दही को कबहूं ना नाटी।🎈🎈🎈🎈 क्यों लाला तेने खाई माटी ।🎈🎈🎈🎈🎈यशोदा समझा रही ले लाठी।🎈🎈🎈🎈 जांपर नेक दया नहीं आई ।यशोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
मुख के माही अंगुली मेली।🎈🎈🎈🎈 निकल पड़ी माटी की ढेली ।🎈🎈🎈🎈भीड़ भई सखियान की भेली।🎈🎈🎈🎈 इन्हें देखें लोग लुगाई। यशोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
मोहन को मुखड़ो फाड़वायो।🎈🎈🎈🎈तीन लोक जिसमें दर्शायो।🎈🎈🎈🎈🎈 तब विश्वास यशोदही आयो ।🎈🎈🎈🎈यो तो पूर्ण ब्रह्म कन्हाई। यशोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
ऐसे रस नहीं है माखन में।🎈🎈🎈🎈🎈 मेवा मिश्री नहीं दाखन में ।🎈🎈🎈🎈🎈जो रस है ब्रजरज चाखन में।🎈🎈🎈🎈 याने मुक्ति की मुक्ति कराई। यशोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।
या रज को सूर नर मुनि तरसे ।🎈🎈🎈🎈बड़भागी जन नित उठ परसे ।🎈🎈🎈🎈जाकी लगन लगी रहे हर से ।🎈🎈🎈🎈कान्हा आन करो अब सहाई। जसोदा सुन माई
तेरे लाला ने ब्रज रज खाई, यशोदा सुन माई।