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Meri chod de mathniya, मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,कृष्ण भजन

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,माथनीयां मेरी छोड़ दे रे।ऐसे छोड़ूं न माथनीयां वृज बाला, माखन की डलिया और दे रे।

चाख चाट कर सब दही खायो, खाली करयो माथनीयां।या माखनके दाम लगत है,आयो बडो चखनिया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला….

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,माथनीयां मेरी छोड़ दे रे।ऐसे छोड़ूं न माथनीयां वृज बाला, माखन की डलिया और दे रे।

माखन खावे घूंघट खोलें, करें रूप की चोरी। देखोना श्याम नजर लग जावे, तुम काले हम गोरी।मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला…

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,माथनीयां मेरी छोड़ दे रे।ऐसे छोड़ूं न माथनीयां वृज बाला, माखन की डलिया और दे रे।

अब घर जाऊंगी रे कान्हा, सांस लड़ेगी मोरी। ननंद हठीली कहो ना माने, देवर ताना तोरी।मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला…

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,माथनीयां मेरी छोड़ दे रे।ऐसे छोड़ूं न माथनीयां वृज बाला, माखन की डलिया और दे रे।

बादल में दिन दिखे नहीं, अभी बजे हैं चार। देर  अबेर होए तो सजनी, छोडदूं जमुना पार।मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला…

मेरी छोड़ दे माथनीयां नंदलाला,माथनीयां मेरी छोड़ दे रे।ऐसे छोड़ूं न माथनीयां वृज बाला, माखन की डलिया और दे रे।

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