तर्ज,गर जोर मेरो चाले
तूं श्याम ने मना ले,तेरा हो जासी वारा न्यारा रे। सारों सुख तने मिल जासी,२ सब छूट जासी लारा रे। तूं श्याम ने मनाले..
श्याम धनी ऐसो दातारी,मिले ना ऐसो दरबार। रातों-रात यो पर्चा देवें, सच्चे लखदातार रे। तूं श्याम ने मना ले…
श्याम धनी ऐसो दातारी, मिले ना ऐसो दरबार। हारे को साथी है बाबा, डुबत्डा को किनारे रे।तूं श्याम ने मनाले..
श्याम धनी ऐसो दातारी, मिलेना ऐसो दरबार। प्रेम भाव से रीझे यो तो, सांवरिया सरकार रे।तूं श्याम ने मनाले..