धमाल
बाबा हाथ पकड़ ले थारे द्वार, आऊं मैं कईयां। बाबा हाथ पकड़ले।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚जब भी सोचूं द्वारे जाऊं घर का होवे नाराज ।बाबा आऊं कईयां।
सुबह काम शाम काम, सारा दिन काम ही काम।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 थारे दर पर जाऊं जब तो, मिल जासी आराम। बाबा आऊं कईयां। बाबा हाथ पकड़ ले….
सुबह ध्याऊं शाम मनाऊं, रात में थारा भजन गांऊं। तू ही बता दे कईयां रिझाऊं, हे निष्ठुर बाबा श्याम ।बाबा हाथ पकड़ ले….
भोग लगाऊं जोत जगाऊं,सारा दिन में माला फेरूं।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚अब तो तने बुलानो पडसी,अब जीनों हराम। बाबा हाथ पकड़ ले….