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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam ka sacha hai darwar, श्याम का सच्चा है दरबार,श्याम भजन

श्याम का सच्चा है दरबार।

तर्ज, ओ मैया गजब तेरा सिंगार

श्याम का सच्चा है दरबार। तुरती फूर्ति काम पटाता, रखता नहीं उधार। श्याम का सच्चा है दरबार।

जो कोई दर पर आता। श्याम से अरज लगाता। सुनाई होती उसकी।खाली ना वापस जाता। इसीलिए तो यह जग सारा !!!!! ओ ओ ।कहता लखदातार। श्याम का सच्चा है दरबार।

झोलियां भरता है यह। कष्ट को हरता है यह। दीन दुखियों की खातिर।करिश्मा करता है यह। देव निराला खाटू वाला!!!! ओ ओ। कलयुग का अवतार। श्याम का सच्चा है दरबार।

इसे जो मनसे ध्याए। श्याम उसको अपनाएं। साथ में रहता हरदम। राह उसको दिखलाए।कदम कदम पर रक्षा करता!!!! ओ ओ। लीले का असवार। श्याम का सच्चा है दरबार।

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