तर्ज, होलिया में उड़े री गुलाल
लेऊं तो टपके देऊं तो टपके, रसगुल्ला है तेरो नाम, कन्हैया इमें रस टपके।
मुंह से जो लेऊं तो मुंह मीठो कर दे,मन से जो लेऊं तो मन मीठो कर दे।लेने से मिले है आराम।कन्हैया इमें रस टपके।लेऊं तो टपके देऊं तो टपके….
ना कोई महंगा यो है सस्तो,भवसागर से तारनियो रास्तो। लागे न इनको कोई दाम।कन्हैया इमें रस टपके।लेऊं तो टपके देऊं तो टपके….
ऐसी मिठाई हर कोई चखले,कुछ ना बिगड़े बरसों रख ले।रोज बढ़े है इंका दाम।कन्हैया इमें रस टपके।लेऊं तो टपके देऊं तो टपके….