तर्ज,बार बार तोहे क्या समझाएं
बार-बार म्हें तने निहारा, कुन करयो सिंगार। मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार।
मोर मुकुट कानों में कुंडल, सोहे है। होठों की या लाली मनड़ो मोहे है।🦚🦚🦚🦚🦚 मुख में बिड़ो रचयो पान को, सदा रहवे गुलजार।मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार। बार बार…
बार-बार म्हें तने निहारा, कुन करयो सिंगार। मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार।
केसर चंदन तिलक भाल पर साजे है। बालों की या लटक देख मन, नाचे है। 🦚🦚🦚🦚सिर पर छतर कमर में फेंटो, मोर छड़ी सिरदार।मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार। बार बार..
बार-बार म्हें तने निहारा, कुन करयो सिंगार। मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार।
कैसी सुंदर दिखे है, फूलों की झांकी। विच सिंहासन,छवि आपकी है बांकी।🦚🦚🦚 गले बीच शोभा करे चौगुनी, रंग बिरंगा हार।मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार। बार बार…
बार-बार म्हें तने निहारा, कुन करयो सिंगार। मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार।
जगमग तेरी ज्योत जगे, सबसे आगे। बच के रहिए नजर किसी की, ना लागे।🦚🦚🦚🦚 सवा रुपैया वार तेरी महे, लेवा नजर उतार।मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार। बार बार….
बार-बार म्हें तने निहारा, कुन करयो सिंगार। मनडे ने भायो म्हारे, खूब जच्यो लखदातार।