अंजनी मां थारो लाल कठे,वो भगतां रो प्रतिपाल कठे, वो संकट मोचन नाम कठे। दुनिया में बढ़ गयो पाप घणो, हो हो हो!!!२।वो राम भक्त हनुमान कठे, अंजनी मां थारो लाल कठे…..
धरती रो पाप मिटावन ने, अब पड़ी जरूरत थारी है। हो रयो है अत्याचार घणो, जालिम ने बाजी मारी है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 वह जुलम करे सरेआम फिरे,हो हो हो!!!२।इंसाने हिम्मत हारी है। कलयुग की काली छाया में, बाबा अवतार जरूरी है।🌹🌹🌹🌹🌹 लंका में आग लगावणियों,२ वह पवन पुत्र हनुमान कठे। अंजनी मां थारो लाल कठे…
आज कालरा टाबरिया, ना छोटा बड़ारी लाज करें। वह मान सम्मान तो चल्यो गयो, बेशर्म तो बैठया राज करें।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 अठे पाप का सिक्का चाल रहया, हो हो हो २ और सज्जन खाली हाथ मले। अरे झूठ तो पग पग पर चाले, और सच्चाई सरेआम मरे।🌹🌹 वो सच्ची प्रीत निभावानिया,२ वा सतयुग वाली रीत कठे। अंजनी मां थारो लाल कठे…
पैसा रो है सब खेल यहां, स्वारथ की दुनियादारी है।भाई भाई ने मार देवे,मतलब की रिश्तेदारी है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 किस-किस का दोष बताऊं मैं, हो हो हो। २ खुद बाड खेत ने खाई है। मां बाप ने समझे कोनी अठे, और ममता ठोकर खाई है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 वह कांधे तीरथ कराबनिया,२। वो सरवन जैसा लाल कठे। अंजनी मां थारो लाल कठे….
अठे विष होठों पर बरस रहयो,अठे जहर जुबां पर बरस रहयो।और वाणी में मिठास नहीं,अहंकार में सारा भरया पड़या।🌹🌹🌹बेईमान ने सो क्यूं मिल जावे, हो हो हो २।और साहूकार में सांच नही।पग पद पर मिलजा गुरु अठे, पर हनुमत जैसा दास नहीं।🌹🌹🌹 सेतु है भजन बनावनियों२ और गाव है प्रकाश अठे। अंजनी मां थारो लाल कठे….