थे तो आरोगो जी मदन गोपाल कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
दादी जी म्हाने दी भोलावन, जब मैं आई चाल। धोली धेनु को दूध गर्म कर, ल्याई मिश्री घाल।क्याने रुस्या हो थे नंद जी का लाल, कटोरो थे तो आरोगो जी मदन गोपाल कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
किन विध रूस रह्या हो लाला,कारण कहो महाराज।दूध कटोरो धरयो सामने, पीवन की काई लाज।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹भूखा मरता रा चिप ज्यासी थारा गाल,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
श्याम सलोनों दूध आरोगों,सांची बात बताऊं।बिना पियां यो दूध कटोरो,पाछी में नहीं जाऊं।देऊं सांवरिया थारे चरणों में ही डाल,🌹🌹कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
करूणा सुनकर डरिया प्रभुजी मंद मंद मुस्कात। गटगट दूध पिवनने लाग्या,चार भुजा रा नाथ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सांवरो राखे है जी भगतां री लाज,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
हरश चली मीरा महलां में,खाली कटोरो लेय।दूध पाय दादा ने मीरा,दियो कटोरो देय।🌹🌹देखयो खाली कटोरो, राव गयो रिसियाय।कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
अब मीरा पर आफत आई, सांची झूठी कहवे। सगलो दूध पीयो नटनगर, कौन गवाही देवे।🌹म्हाने नजरों से देओ रे दिखाएं,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
सजयो कटोरो ले के सब मिल,ले मीरा ने सागे।सबके देखत दूध कटोरो,धरियों प्रभु के आगे।मीरा उभी उभी करे रे अरदास,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
दया करो दिनों के स्वामी,अब पत राखो म्हारी। पहले दूध कटोरो पियो, अब क्यों करो थे देरी। काई सरमाया मीरा का सृजन हार,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
सुनी प्रेम की टेर प्रभुजी, मंद मंद मुस्काए। मीरा दासी जान दयानिधि, चारों हाथ बढ़ाएं।🌹पी गयो मीरा को कटोरो हाथ उठाए,कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।
मीरा नृत्य करें प्रभु आगे, हरखयों सारो साथ। भक्तों के बस में गिरधारी, चारभुजा रो नाथ। प्यारो लागे जी वो गिरधर गोपाल।कटोरो ल्यायी दूध को भरयो।