तर्ज,थाने पलका में बिठालया
दादी थारी चुनर लाल,जिसमें सांचौ गोटो माल। मैं तो निर्ख्यो ही जाऊं थारे रूप ने ।हो हो हो दादी निर्ख्यो ही जाऊं….
थारी नथली रा मोती अनमोल रे। 🌹🌹🌹पहरा कान्हा में कुंडल गोल गोल रे। 🌹🌹🌹थारे चुड़ले रो रंग लाल, यो तो करे है कमाल, जी मां करे है कमाल।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 थारो टीको लाल लाल, मैं तो हो रहयो निहाल मां।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 निर्ख्यो ही जाऊं….
थारी मेहंदी रो रंग लाल लाल रे।🌹🌹🌹 पैरयो कब्जो कसुमल तारा जाल रे ।🌹🌹थारी आख्यां को यो काजल, बरसे बनकर ठंडो बादल। जी मा बनकर ठंडो बादल।🌹🌹🌹 थारो मुखड़ो चांद को टुकड़ो, मैं तो भूल गयो सब दुखडो ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मां निर्ख्यो ही जाऊं…