तर्ज,कभी राम बनके
आओ आओ गणराज,आके सारो सगला काज,बेगा बेगा पधारो म्हारे आंगणिये।
सबसे पहले महे थाने मनावां। थारे चरणों में धोक लगावां। आके राखो म्हारो मान। गलती पर ना दिज्यों ध्यान,बेगा बेगा…
करली कीर्तन की सारी महे त्यारी। बस एक कमी है देवा थारी। अर्जी करलो ना मंजूर। कमी करद्यो आके दूर।बेगा बेगा…
म्हारी लाज बचावन थे आओ। नैया पार लगावन थे आओ। महे तो थारा ही दास। था पर पूरो है विश्वास।बेगा बेगा…..