थारो खूब सज्यो सिंगार,भगत थाने निरखे बारम्बार,भवानी म्हारी झुंझनू की२।
तारा जड़ी मां थारी चुनरी है प्यारी,
हाथा में चुडले की शोभा है न्यारी।
थारे गल फूलन को हार, में थाने निर्खु बारम्बार,
भवानी म्हारी झुंझनू की।
मेहंदी की आभा मां वरनी न जाए,
चंदा भी थारे आगे फिको लजाये।
थारो सांचों है दरबार,में थाने निर्खू बारम्बार
भवानी म्हारी झुंझनू की।
प्यारो सजयो है सिंगार भवानी,
सारा भगत देखे थारे कानी।
थारी लेवा नजर उतार,में थाने निर्खू बारम्बार
भवानी म्हारी झुंझनू की।
जगमग चमके मां जोत सवाई,
भगत वारे थारे लून और राई।
म्हारा कानी जरा निहार, में थाने निर्खु बारम्बार,
भवानी म्हारी झुंझनू की।
