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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Jad se pahado ko Dale ukhad,जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़,थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़,balaji bhajan

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़

तर्ज,आने से उसके आए बहार

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

भूत प्रेत कांपे नाम सुनते महावीर का जब
दम दानवो के निकलते याद आती है,
रणधीर की जब
लाल ही तन लाल बदन लाली भी निराली है,
बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली।

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

दे मुद्रिका माँ सिया को शोक मोह सारा,
उनका निबारा
फल खाये उपवन उजाड़ा दुष्ट अक्षय,
पटक कर के मारा,
लंका जला अंजनी लाला पूँछ जल में बुझा ली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली।

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

संजीवनी संग पूरा द्रोणागिरी उठाकर के लाये
लंका से ला बैध जी को प्राण भ्रातः लखन के बचाये
सियाराम मन में देख लो छाती चीर डाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली।

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

राम सब काम करते सब,
जिएं राम के ही सहारे
पर आपने तो है हनुमत काम,
सब राम के भी सँवारे,
खाली कोई लौटा नहीं,
दर का सवाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगी बली।

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

भक्त वत्सल दीनानाथ हनुमंत,
दीन बंधू दया चाहता है,
चरणों का चेला मयंक है,
कृपा भिक्षा सदा माँगता है,
सरकार के दरबार से कोई जाता ना खाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली,
इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगी बली

जड़ से पहाड़ों को डाले उखाड़
थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़
बड़े बलशाली हैं बाबा बजरंग बली
इनकी महिमा निराली है बाबा बजरंगी बली

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