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विविध भजन

Jaan ke jamare ne bigade mat na,जाण कै जमारै नै बिगाड़े मत ना,

जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,

जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।



राम नाम तेरी पूँजी है,
बोलै क्यूँ ना मूँजी है,
हरियल बूंटा, पाड़ै मतना ।
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।



यो बंगलो नारायण को,
गीता और रामायण को,
निर्गुण महल, उजाड़े मतना ।
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।



मन की खोल पिटारी नै,
भूल ना संकटहारी नै,
झूंठी शेखी झाड़े मतना ।
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।



श्यामबहादुर चेत जरा,
‘शिव’ हरि सैं कर हेत जरा,
ढ़किया भरम उघाड़े मतना ।
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।जाण कै जमारै नै, बिगाड़े मत ना,
मेरा मन बोल प्यारा, राम रतना ।।

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