मैं जाऊं मैया के दरबार, दरबार,
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मुझे मिल गया एक कुम्हारा,
कलश दे गया,माटी का कोरा ,
मैने कलश दिए भरवाए, भरवाए,
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मैं जाऊं मैया के दरबार दरबार, मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मुझे मिल गया, एक माली,
माला दे गया, फूलों की प्यारी।
मैने मैयाजी को दी, पहनाए पहनाए।
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की,
मैं जाऊं मैया के दरबार दरबार, मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मुझे मिल गया एक व्यापारी,
चूनर दे गया गोटे वाली,
मैने मैयाजी को दी उड़ाय, उड़ाए,
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मैं जाऊं मैया के दरबार दरबार मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
रस्ते में मिल गई एक सुनारी,
पायल दे गई चांदी की प्यारी,
मैने मैयाजी को दी पहनाए पहनाए,
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मैं जाऊं मैया के दरबार दरबार मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
एक मिल गया मुझे हलवाई,
पूरी सब्जी जिसने, बनाई,
मैने मैयजी को दी खिलाए खिलाए,
मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
मैं जाऊं मैया के दरबार दरबार मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।
तीरथ हो गया वीना का पूरा,
रहा नही कोई काम अधूरा,
कोड़ी लगी ना लगा मेरा रूपया,
मैने रज रज दर्शन पाए हां पाए, खूब मेहर करी मैया अबकी।
अब रही ना कुछ मन में मन की, अब प्यास बुझी इन अंखियन की।मैं जाऊं मैया के दरबार, दरबार,मुझे लगन लगी मां के दर्शन की।