आप पधारो कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी, बालकिया बुलावे, थाने गिरवर राय ।।
कंचन कलश थाली करश्या, आंगन आरती जी, मुख देख्या सुख, अति आनंद समाय, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।
मंदिर सुन्दर थरपी, मठ में थारी मूर्ति जी, पावा शुभ दर्शण, मन हर्षाय, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी।।आओ थे ल्यावो नवलख, सकत्या सारी साथ में जी, काला गोरा भैरव, रास रमाए, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।
चरना रै शरने अम्बे, दिज्यो म्हाने चाकरी जी, नित उठ करा सेवा, ज्योत जगाए, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।
पिगा मां पानी समद्र, सुख्यो सरो आंकड़ों जी, अम्बे थारी महिमा को, पार ना पाए, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।सदा ही सुहागन रखो, चूड़ो अमर चुंदड़ी जी, बेटी बहु सरन मै, आशिसा पाए, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।
अर्जी मां सुन के किरपा, करज्यो थारा दास पे जी, सूत में सुमिष्ण गुण, नित गाय, आप पधारों कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी ।।
आप पधारो कुलदेवी, मोटी मावड़ी जी, बालकिया बुलावे, थाने गिरवर राय ।।