ब्रह्मदास जीरा इशरदास जी, ये गरबना किजो जी। गवरल बाई चाली सासर, भोलावणी दीज्यो जी।
थारे चढ़न को घोड़ालियो म्हारी गवरा बाई ने दिज्यो जी। गौरा बाई चाली सासर भोलावनी दिजयो जी।
नोट: बाप बेटा का नाम लेव और आपको समान देन वास्ते बोल
ब्रह्मदास जीरा इशरदास जी, ये गरबना किजो जी।