तर्ज, गजबण पानी ने चाली
होली रंग बिरंगी आई लिन्हीं मौसम ने अंगड़ाई। मेरो रंग डलवा ले राधे रंग में रंगने की रुत आई।
होली रंग बिरंगी आई लिन्हीं मौसम ने अंगड़ाई। मेरो रंग डलवा ले राधे रंग में रंगने की रुत आई।रंग तु मेरे गाल पर अपना डाल के कर सूरत कारी। संग में मेरे करो ठिठोली, रंग दो मेरी चुनर चोली। ओ मारो भर भर पिचकारी, मारो भर भर पिचकारी। कान्हा भर भर पिचकारी। मारो भर भर पिचकारी।
रंग की मौ पर चढ़ी खुमारी ना काबू में दिल है। मेरे दिल को पागल करता तेरे गाल का तिल है।
रंग की मौ पर चढ़ी खुमारी ना काबू में दिल है। मेरे दिल को पागल करता तेरे गाल का तिल है। तू अपने रंग में तन मन मेरा रंग दे गिरधारी।संग में मेरे करो ठिठोली, रंग दो मेरी चुनर चोली। ओ मारो भर भर पिचकारी, मारो भर भर पिचकारी। कान्हा भर भर पिचकारी। मारो भर भर पिचकारी।
जी भर के मैं खेलूं होली डालू रंग चटक के। मस्ती में मस्ताने हो ले नाच ले मटक मटक के।
जी भर के मैं खेलूं होली डालू रंग चटक के। मस्ती में मस्ताने हो ले नाच ले मटक मटक के। मीठी तान सुना दे फिर से मुरली की प्यारी।संग में मेरे करो ठिठोली, रंग दो मेरी चुनर चोली। ओ मारो भर भर पिचकारी, मारो भर भर पिचकारी। कान्हा भर भर पिचकारी। मारो भर भर पिचकारी।
होली के दिन प्रेमी मिलते केहता राज अनाड़ी। तेरी मेरी प्रीत पुरानी जाने दुनिया सारी।
होली के दिन प्रेमी मिलते केहता राज अनाड़ी। तेरी मेरी प्रीत पुरानी जाने दुनिया सारी। तेरी इसी अदा पे इशरत हो गई तुझ पर बलिहारी। संग में मेरे करो ठिठोली, रंग दो मेरी चुनर चोली। ओ मारो भर भर पिचकारी, मारो भर भर पिचकारी। कान्हा भर भर पिचकारी। मारो भर भर पिचकारी।