मन लागे ना एक घड़ी, द्वार तुम्हारे कब से खड़ी। मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।
नजर ना लगे कि श्याम नजर ना चुराओ। देखो मुझे एक बार शरण तेरी पड़ी।मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।
मोर छड़ी घुमा दो सारा संकट निकल जाए। आ जाओ लीले असवार शरण तेरी पड़ी।मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।
हारे के सहारे श्याम बाबा तो सहारा। देखो मेरी और एक बार शरण तेरी पड़ी। मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।
शीश के दानी लखदातार नेहा की भी सुन लो। सुन लो भक्तों की अरदास शरण तुम्हारी पड़ी। मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।
मन लागे ना एक घड़ी, द्वार तुम्हारे कब से खड़ी। मुख चांद सा दिखा दो श्याम आई शुभ घड़ी।