ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।
चाहे ब्रह्मा विष्णु को मना लो, चाहे शंकर पर दूध चढ़ा लो। क्रिया एक ही तो है,पूजा अलग-अलग होती है।ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।
चाहे दुर्गा चंडी को मना लो ,चाहे शेरावाली को मना लो। मैया एक ही तो है, पूजा अलग-अलग होती है।ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।
चाहे गंगा यमुना में नहा लो, चाहे सरयू में डुबकी लगा लो। जल तो एक ही तो है, पूजा अलग-अलग होती है।ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।
चाहे गीता रामायण पढ़ लो, चाहे वेद पुराण पढ़ लो। ज्ञान एक ही तो है, पूजा अलग-अलग होती है।ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।