गोपाल सूना सूना तुम बिन ये
ब्रज है सारा।गोकुल की गलीयाँ सूनी,
सूना है कुंज सारा।गोपाल सूना सूना तुम बिन ये
ब्रज है सारा।
यमुना का तट है सूना,
सूनी है जल का धारा।घनश्याम सूना सूना ये
जीवन है बेसहार।गोपाल सूना सूना तुम बिन ये
ब्रज है सारा।
रोते हैं नन्द बाबा,
रोती यशोदा मैया।गोपाल बिन तुम्हारे
रोती हैं तेरी गैया।राधा फिरै सिसकती
बहती है अश्रुधारा ।गोपाल सूना सूना तुम बिन ये ब्रज है सारा।
उधौ मना के लाओ,
तुम जरा उस साँवरे को।कहना ना चैन आये बिन तुम राधा प्यारी को।हमे श्याम से मिला दो
एहसान हो तुम्हारा।गोपाल सूना सूना तुम बिन ये ब्रज है सारा।