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श्याम भजन लिरिक्स

Shyama Mela me le chalu re,श्यामा मेला में ले चालू रे,shyam bhajan

श्यामा मेला में ले चालू रे

तर्ज,श्याम तने म्हारे घर ले चालू

श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥



चालै छः तो चालै साँवरा मेलो उल्टयो जावै।
तूँ बैठो मन्दिर कै मांही, दुनियां माल उड़ावे॥
थारा भकतां ने बुलाले रैतनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥



नया-नया छः ख्याल खीलूणां, कांच कडूल्या मोती ।तने दिवादूँ अलगोजा, मैं लेल्युला पोथी॥
तने दिवादूँ अलगोजा, मैं लेल्युला पोथी॥
आपा गाता-गाता चाला रै।तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥



सौ रूपया का खुल्ला कराले, दे दे मेला खरची।
रेबाड़ी की रेबड़ी रै, जयपुर की या बरफी॥
आपा खाता-खाता चालां रै॥तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥



घणां सार को गेर मसालो, चाबाँ नागर-पान।
गुम जावलो सागै रीज्यो, कहबो म्हारा मान॥
तेने आंगली पकड़ा दूं रै॥तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥



श्याम बाग की सेर करांला, बैठ कै नीम्बू नीचे
चाँदी बरगी सड़क दिखादूँ, बाग बीजली सींच॥
उन्डे बाबाजी बैठ्या छः रै॥तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥




“सोहन लाल’ का लाडला, तनै राखूं हृदय माहीं।
आज तो मन्दिर कै बाहर आजा रै सांचा ही॥
तनै तालां मैं जड़ देल्यां रै॥तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥श्यामा मेला में ले चालू रे…
तनै दिवादयूं रेवड़ी में बड़ा तुलाल्यू रे॥

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