तर्ज,म्हारो कुणसो त्योहार फागण से बढ़ के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के,
लीले पे चढ़ के यो घोड़े पे चढ़ के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के,
मुछा की मरोड़ कैसे रॉब है निराला,
घुंघर वाला बाल मेरो सांवरो मतवालो
तो लीले की टाप टप टप खड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के…
केसरिया है बागो जापे फेटो पचरंगो,
मोर पंख जय पूरी रुमाल है सुरांगो,
तो मुल्क निहारु तने जीब भर के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
बांकी सी लटक पर बाबलो दीवानो,
मन में मगन मेरो जीब मस्तानो।
नहीं कोई दुसरो तो तेरे से भड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
वीर हनुमान के निशान इक हाथ में,
पवन कुमार सोहे सँवारे के साथ में तो,
तो देख के सवारी अंग अंग फड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
श्याम बहादुर शिव आरती उतारे,
अर्ज गुजारे बाबा तन मन वारे तो,
देखलो दयालु दाता दया कर के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के